Computer Memory in Hindi. Types of Computer Memory

Computer Memory किसी भी Computer system का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, जो इसके performance और काम करने की Capacity प्रभावित करती है। 

जैसे हमारा दिमाग information को store करता है और जब जरूरत होती है तो उसे accece किया जा सकता है, ठीक वैसे ही Computer Memory data और instructions को store करती है ताकि central processing unit (CPU) उन्हें access कर सके और कार्य कर सके। 

इस ब्लॉग में हम Computer Memory in hindi, types of computer memory को आसान भाषा में समझेंगे।

Computer Memory in hindi : Computer Memory क्या है?

Computer Memory उन hardware components को कहा जाता है जो data, program और instructions को अस्थायी (temporary) या स्थायी (permanent) रूप से store करते हैं। 

यह system के performance में अहम भूमिका निभाती है, क्योंकि इससे यह तय होता है कि कार्य कितनी जल्दी और कुशलता से किए जाते हैं।

Types of Computer Memory in Hindi

Computer Memory को मुख्य रूप से चार भागों में बांटा जा सकता है:

types of computer memory in hindi
  1. Primary Memory (जिसे मुख्य Memory भी कहते हैं)
  2. Secondary Memory (जिसे सहायक या External Memory भी कहा जाता है)
  3. Cache Memory
  4. Register Memory

हर प्रकार की Memory का अपना उद्देश्य, Speed और Capacity होती है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।

1. Primary Memory (मुख्य Memory)

Primary Memory, जिसे मुख्य Memory भी कहा जाता है, वह Memory है जिसे CPU सीधे access कर सकता है। 

यह तेज होती है लेकिन इसमे data अस्थायी (temporary) रूप  में store होती है, यानी इसमें data केवल तभी तक store रहता है जब तक computer चालू रहता है। 

जब computer बंद हो जाता है, तो यह data reset हो जाता है। इस कारण इसे Volatile Memory या अस्थायी (temporary) memory भी कहा जाता है।

primary memory in hindi

Primary Memory को दो प्रमुख भागों में विभाजित किया जा सकता है:

a. Random access Memory (RAM)

RAM Computer system का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है क्योंकि यह अस्थायी (temporary) रूप से उस data को store करती है जिसे CPU को कार्य करते समय access करने की जरूरत होती है।

इसे आप एक कार्यक्षेत्र की तरह समझ सकते हैं जहां system उस data और instructions को रखता है जिसकी उसे तुरंत जरूरत होती है।

  • Volatility: RAM volatile होती है, यानी computer बंद होने पर इसका data समाप्त हो जाता है।
  • Speed: RAM की Speed बहुत तेज होती है, जिससे CPU जल्दी से data तक पहुंच पाता है और कार्य कुशलता से होता है।
  • Capacity: RAM की Capacity अधिक होती है, जो GB से लेकर TB तक हो सकती है।

RAM के प्रकार:

  • DRAM (डायनामिक RAM): इसे data बनाए रखने के लिए बार-बार refresh करने की जरूरत होती है।
  • SRAM (स्टैटिक RAM): यह तेज और महंगी होती है, और इसे कम बार refresh करना पड़ता है।

उदाहरण: जब आप word document पर काम कर रहे होते हैं या internet ब्राउज़ कर रहे होते हैं, तो इसका data अस्थायी (temporary) रूप से RAM में store होता है ताकि CPU उसे जल्दी access कर सके।

b. Read-Only Memory (ROM)

ROM भी Primary Memory का हिस्सा होती है, लेकिन यह RAM के विपरीत non-volatile होती है। 

इसका मतलब है कि इसमें store किया गया data computer बंद होने पर भी store रहता है। 

ROM में पहले से ही वे निर्देश store होते हैं जो system को चालू करने और काम करने के लिए जरूरी होते हैं।

  • Volatility: ROM non-volatile होती है, यानी इसका data तब भी बना रहता है जब system बंद हो जाता है।
  • Speed: ROM की Speed RAM से कम होती है, लेकिन यह system के शुरुआती instructions को store करने के लिए काफी तेज होती है।
  • Capacity: ROM की Capacity आमतौर पर कम होती है क्योंकि इसमें केवल महत्वपूर्ण बूट-अप data ही store किया जाता है।

उदाहरण: ROM में फर्मवेयर या BIOS (बेसिक इनपुट/आउटपुट system) store होता है, जो आपके computer को बताता है कि उसे कैसे चालू होना है और hardware के साथ कैसे संपर्क करना है।

Primary Memory का महत्त्व

Primary Memory, विशेष रूप से RAM, computer की Speed और Capacity पर सीधा असर डालती है।

ज्यादा RAM होने पर computer एक साथ अधिक programs को हैंडल कर सकता है और एक process से दूसरी process में आसानी से स्विच कर सकता है। वहीं, ROM सुनिश्चित करता है कि हर बार जब आप computer चालू करें, तो system के पास जरूरी निर्देश या data हों।

2. Secondary Memory (सहायक Memory)

Secondary Memory, जिसे सहायक या External Memory भी कहते हैं, data को स्थायी (permanent) रूप से store करती है। 

यह non-volatile होती है, यानी इसमें store किया गया data computer बंद होने पर भी सुरक्षित रहता है। यही कारण है कि Secondary Memory data, files, और अन्य चीजों को लंबे समय तक store करने के लिए उपयोगी होती है।

secondary memory in hindi

Secondary Memory के कई प्रकार होते हैं:

a. Hard Disk Drive (HDD)

HDD सबसे पुराने और सामान्य प्रकार की Secondary storage है। इसमें data को घूमने वाली मैग्नेटिक डिस्क्स पर store किया जाता है जिन्हें प्लैटर्स कहा जाता है। इन डिस्क्स पर data को पढ़ने और लिखने के लिए एक रीड/राइट हेड होता है।

  • Capacity: HDD की storage Capacity बहुत बड़ी होती है, जो सैकड़ों GB से लेकर कई TB तक हो सकती है।
  • Speed: HDD की Speed SSD के मुकाबले कम होती है, लेकिन यह बड़ी मात्रा में data store करने के लिए काफी विश्वसनीय है।
  • Strength: HDD में मूविंग पार्ट्स होते हैं, इसलिए यह समय के साथ खराब हो सकता है।

उदाहरण: HDD का उपयोग ऑपरेटिंग system, सॉफ़्टवेयर, मूवीज, फोटो, और बड़ी files को store करने के लिए किया जाता है।

b. Solid State Drive (SSD)

SSD एक नया प्रकार की Secondary Memory है, जो Speed और Strength के कारण बहुत लोकप्रिय हो रही है। HDD के विपरीत, SSD में कोई मूविंग पार्ट्स नहीं होते और यह data को फ्लैश Memory चिप्स पर store करता है।

  • Speed: SSD की Speed HDD की तुलना में बहुत अधिक होती है, जिससे data जल्दी से access किया जा सकता है।
  • Capacity: SSD विभिन्न Capacity में आते हैं, हालांकि समान storage वाले HDD के मुकाबले ये महंगे होते हैं।
  • Strength: चूंकि SSD में मूविंग पार्ट्स नहीं होते, इसलिए ये physically रूप से ज्यादा मज़बूत होते हैं।

उदाहरण: SSD का उपयोग modern laptops, desktops और mobile devices में किया जाता है ताकि तेज boot time और application लोडिंग की सुविधा मिल सके।

c. Optical Drives (CDs, DVDs, Blu-ray)

Optical Drives data को डिस्क्स पर store करते हैं, जिसे लेजर द्वारा पढ़ा जाता है। आजकल Cloud storage और USB Drives के कारण इनका उपयोग कम हो गया है, लेकिन ये सॉफ़्टवेयर वितरण, मूवीज़ और बैकअप के लिए बहुत लोकप्रिय थे।

  • Capacity: CDs में लगभग 700 MB data store होता है, DVDs में 4.7 GB और Blu-ray डिस्क्स में 25 GB या उससे ज्यादा store किया जा सकता है।
  • Speed: Optical Drives की Speed HDD और SSD के मुकाबले कम होती है।
  • Strength: ऑप्टिकल डिस्क्स आसानी से खरोंच सकते हैं, जिससे data खो सकता है।

d. USB Flash Drives और External Hard Drives

USB Drives और External Hard Drives पोर्टेबल Secondary storage डिवाइस होते हैं, जो data को आसानी से transfer और store करने की सुविधा देते हैं। इन्हें computer के USB पोर्ट में प्लग कर के आसानी से files access की जा सकती हैं।

  • Capacity: Flash Drives कुछ GB से लेकर सैकड़ों GB तक की storage प्रदान करते हैं, जबकि External Hard Drives कई TB तक storage दे सकते हैं।
  • Speed: इनकी Speed इस्तेमाल की गई तकनीक (जैसे USB 2.0, 3.0) पर निर्भर करती है, लेकिन यह आमतौर पर internal SSD से धीमी होती है।
  • Portability: USB Drives और External Hard Drives का मुख्य फायदा इनकी Portability है। आप इन्हें आसानी से कहीं भी लेकर जा सकते हैं और किसी भी computer में इस्तेमाल कर सकते हैं।

e. Cloud storage

हाल के कुछ सालों में Cloud storage एक लोकप्रिय Secondary Memory विकल्प बन गया है। इसमें data को remote servers पर store किया जाता है, जिन्हें internet के माध्यम से access किया जा सकता है।

  • Capacity: Google Drive,Dropbox, और One Drive जैसी Cloud storage सेवाएं मुफ्त में storage देती हैं (अधिक storage के लिए भुगतान करना होता है)।
  • Speed: Cloud storage की Speed आपके internet connection पर निर्भर करती है, लेकिन यह सुविधा देता है कि आप कहीं से भी अपना data access कर सकें।
  • Security: Cloud storage Provider आमतौर पर encryption और अन्य Security technique  प्रदान करते हैं ताकि आपका data सुरक्षित रहे।

उदाहरण: Cloud storage का उपयोग backups, Shared tasks, और विभिन्न Devices से files access करने के लिए किया जाता है।

कुल मिलाकर, Computer Memory किसी भी system की Speed, performance और storage Capacity को निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाती है। 

Primary Memory, जिसमें RAM और ROM शामिल हैं, quick access और कार्यों की सुचारू रूप से operate करने में मदद करती है, जबकि Secondary Memory, data और files को स्थायी (permanent) रूप से store करने के लिए जरूरी होती है।

Primary और Secondary Memory के बीच के अंतर को समझकर, आप अपने computer को upgrade करने या सही storage विकल्प चुनने के बारे में निर्णय ले सकते हैं। चाहे आपको Speed चाहिए हो, बड़ी storage Capacity या Strength, दोनों प्रकार की Memory मिलकर आपके system को कुशलता से काम करने में मदद करती हैं।

Cache Memory और Register Memory

Computer के workflow को speed और प्रभावी बनाने के लिए कई प्रकार की Memory होती हैं। इनमें से Cache Memory और Register Memory बहुत महत्वपूर्ण होती हैं, क्योंकि ये दोनों CPU के बेहद करीब काम करती हैं और System की speed पर सीधा असर डालती हैं।

cache and register memory in hindi

Cache Memory क्या है?

Cache Memory एक बहुत speed और छोटी Memory होती है, जो CPU के बेहद करीब स्थित होती है।

इसका मुख्य काम CPU द्वारा बार-बार इस्तेमाल किए जाने वाले Data और instructions को store करना है, ताकि CPU को बार-बार धीमी RAM (RAM) Memory तक न जाना पड़े।

यह Memory अस्थायी (temporary) होती है, यानी इसमें store किया गया Data कुछ समय के लिए ही रहता है और जब नए Data की जरूरत होती है तो पुराना Data हटाया जा सकता है।

Cache Memory की विशेषताएं:

  1. speed: Cache Memory बहुत speed होती है, जो CPU को तुरंत Data उपलब्ध कराती है। इसकी speed RAM से भी तेज होती है।
  2. Size: Cache Memory का Size छोटा होता है। यह कुछ KB (किलोबाइट्स) से लेकर कुछ MB (मेगाबाइट्स) तक हो सकती है।
  3. Location: Cache Memory CPU के भीतर या उसके बहुत करीब स्थित होती है, ताकि Data तेजी से process हो सके।
  4. Volatility: Cache Memory अस्थायी (temporary) होती है, यानी Computer बंद होने पर इसका Data खो जाता है।

Cache Memory कैसे काम करती है?

जब CPU को किसी Data या निर्देश की जरूरत होती है, तो सबसे पहले वह Cache Memory में उसे ढूंढता है। यदि Data Cache में मिल जाता है, तो इसे Cache हिट कहा जाता है, और CPU तुरंत उसे इस्तेमाल करता है। अगर Data Cache में नहीं मिलता, तो इसे Cache मिस कहा जाता है, और फिर CPU को इसे RAM या हार्ड Drive जैसी धीमी Memory से लाना पड़ता है।

इस प्रक्रिया में Cache Memory समय बचाती है और CPU को तेजी से काम करने में मदद करती है, क्योंकि बार-बार धीमी Memory तक पहुंचने की जरूरत नहीं होती।

Cache Memory के स्तर (Levels of Cache Memory):

Cache Memory को तीन स्तरों में विभाजित किया जाता है:

  1. L1 (लेवल 1) Cache: यह सबसे speed और छोटी होती है। L1 Cache सीधा CPU के भीतर होता है, और इसका Size कुछ KB (किलोबाइट्स) होता है।
  2. L2 (लेवल 2) Cache: L2 Cache L1 से बड़ी होती है और थोड़ा धीमी होती है। इसका Size कुछ MB (मेगाबाइट्स) तक हो सकता है, और यह CPU के पास स्थित होती है।
  3. L3 (लेवल 3) Cache: यह L1 और L2 से बड़ी होती है, लेकिन speed में थोड़ी धीमी होती है। इसका Size कुछ MB से GB (गिगाबाइट्स) तक हो सकता है और यह CPU के सभी कोर को साझा रूप से उपलब्ध होती है।

Cache Memory का महत्व:

Cache Memory CPU और RAM के बीच एक buffer की तरह काम करती है। यह CPU की speed को बढ़ाने में मदद करती है और System की overall performance को बेहतर बनाती है। जितनी ज्यादा Cache Memory होगी, उतना ही speed से CPU काम करेगा, क्योंकि उसे बार-बार धीमी Memory तक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

Register Memory क्या है?

Register Memory CPU के भीतर सबसे छोटी और सबसे speed Memory होती है। Register Memory CPU के ऑपरेशंस के लिए तुरंत Data और instructions को store और एक्सेस करने का काम करती है। इसे CPU की “working Memory” भी कहा जा सकता है, क्योंकि CPU हर कार्य के लिए सीधे Register Memory का उपयोग करता है।

Register Memory की विशेषताएं:

  1. speed (speed): Register Memory Computer की सबसे speed Memory होती है। इसमें Data processing बहुत ही कम समय में होती है।
  2. Size: Register Memory बहुत छोटी होती है। यह कुछ bytes की होती है (आमतौर पर 32-बिट या 64-बिट CPU के अनुसार)।
  3. Location: Register Memory CPU के अंदर ही स्थित होती है, इसलिए CPU इसे सबसे पहले और सीधे एक्सेस करता है।
  4. Volatility: Register Memory भी अस्थायी (temporary) होती है और Computer बंद होने पर इसका Data मिट जाता है।

Register Memory कैसे काम करती है?

जब CPU किसी कार्य को करता है, तो सबसे पहले वह Data और instructions को Register Memory में load करता है। उदाहरण के लिए, यदि CPU को जोड़ने या घटाने जैसे operation करने हैं, तो वह इन operations के लिए Data Register Memory में store करता है। इसके बाद, operation पूरा होने के बाद परिणाम को Memory में वापस भेजा जाता है।

Register Memory के प्रकार:

CPU में कई प्रकार के Register होते हैं, जिनका अलग-अलग कार्य होता है। कुछ मुख्य प्रकार के Register निम्नलिखित हैं:

  1. Data Register: यह Register अस्थायी (temporary) रूप से Data को store करता है जो किसी गणना या processing के लिए इस्तेमाल होता है।
  2. Address Register: इसमें Memory का पता store होता है, जहां से Data को CPU लाना या भेजना होता है।
  3. Instruction Register: इसमें वर्तमान में process हो रहे निर्देश को store किया जाता है, जिसे CPU तुरंत process करता है।
  4. अक्यूमुलेटर (Accumulator): यह Register उन ऑपरेशंस के परिणामों को store करता है जो CPU द्वारा किए जाते हैं, जैसे जोड़, घटाना आदि।

Register Memory का महत्व:

Register Memory CPU को speed से काम करने में मदद करती है, क्योंकि इसे सीधे CPU एक्सेस करता है। जितने ज्यादा और बेहतर Register होते हैं, उतनी ही speed से CPU Calculations और processing कर सकता है। Register Memory का Size छोटा होता है, लेकिन यह बेहद तेज होती है, जो System की गति को तेज करती है।

Cache Memory और Register Memory दोनों ही Computer की speed को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। Cache Memory CPU को बार-बार धीमी RAM तक जाने से बचाती है, जबकि Register Memory CPU को Calculations और instructions को तुरंत process करने में मदद करती है। दोनों Memory एक साथ मिलकर Computer के workflow को speed, कुशल और प्रभावी बनाती हैं।

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